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Tiger Pataudi’s brave innings of 148 runs: हेडिंग्ली 1967 में इंग्लैंड को फॉलोऑन के लिए मजबूर किया

On: July 2, 2025 2:15 PM
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टाइगर पटौदी की 148 रन की जांबाज़ पारी: हेडिंग्ली 1967 में इंग्लैंड को फॉलोऑन के लिए मजबूर किया.
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Tiger Pataudi’s brave innings of 148 runs: उस सड़क दुर्घटना के बाद भी नवाब पटौदी को मैदान में लौटने की जल्दी थी। दाहिनी आँख के ऑपरेशन के बाद जैसे ही वो थोड़ा ठीक हुए फौरन मैदान में पहुँचे। जैसे ही बल्लेबाज़ी करने उतरे, तो उन्हें झटका लगा। गेंदबाज़ के हाथ से निकलने के बाद उन्हें एक नहीं, दो गेंद दिखाई दे रही थी। वो भी लगभग 6-7 इंच के फासले पर। मतलब जो दो गेंद वो देख रहे थे, उनमें 6-7 इंच का फासला था।

भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर, पहला टेस्ट हेडिंग्ली में

खैर, इस दुर्घटना को बीते क़रीब 6 साल हो चुके थे। टाइगर पटौदी भारत के कप्तान बन चुके थे। उन्हीं की कप्तानी में भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर गई थी। पहला टेस्ट मैच 8 जून 1967 को हेडिंग्ली के ऐतिहासिक मैदान में खेला जाना था।

इंग्लैंड की धमाकेदार शुरुआत

इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी की शुरुआत की। सिर्फ़ 7 रन ही जुड़े थे कि सलामी बल्लेबाज़ जॉल एडरिच आउट हो गए। लेकिन उसके बाद भारतीय गेंदबाज़ों की जमकर धुनाई हुई। दूसरा विकेट 146, तीसरा 253 और चौथा विकेट 505 रन पर गिरा। ज्योफ्री बायकाट ने नॉट आउट शानदार 246 रनों की पारी खेली जबकि बासिल डीओलिविरा ने 109 रन बनाए। इंग्लैंड ने पहली पारी 4 विकेट पर 550 रनों के स्कोर पर ‘डिक्लेयर’ कर दी।

भारत की पहली पारी में बुरा हाल

भारत के ख़िलाफ़ इतना बड़ा स्कोर पहले भी बना था, इसलिए दूसरे दिन जब भारतीय टीम बल्लेबाज़ी करने उतरी तो हालात सामान्य थे।
हालात तब असामान्य होना शुरू हुए, जब भारतीय बल्लेबाजों ने इंग्लैंड के गेंदबाजों के ख़िलाफ़ घुटने टेक दिए। दूसरे दिन का खेल ख़त्म होने तक भारतीय टीम का स्कोर था महज 86 रन और उसके 6 बल्लेबाज़ पविलियन लौट चुके थे।

इंग्लिश मीडिया ने उड़ाया मजाक

इन 86 रनों में भी 42 रन अकेले फारूख इंजीनियर के थे। उनके बाद आर.सी. सक्सेना, अजीत वाडेकर, हनुमंत सिंह और चंदू बोर्डे दहाई के आँकड़े तक भी नहीं पहुँच पाए थे। अगले दिन के अख़बार भारतीय टीम पर हास्यास्पद टिप्पणियों से भरे पड़े थे।

पटौदी की खरी-खोटी

खैर इन सारी बातों से नाराज़ टाइगर पटौदी ने उस रोज़ भारतीय टीम की जमकर ‘क्लास’ लगाई थी। भारतीय टीम के ज़्यादातर खिलाड़ी अलग-अलग भाषाएँ समझते हैं लेकिन उस मैच के बारे में यह बात मशहूर है कि जब पटौदी ने खरी-खोटी सुनानी शुरू की तो सभी को एक बार में ही पूरी बात समझ आ गई। टाइगर को इस बात पर गुस्सा आ रहा था कि बल्लेबाज़ों ने बगैर संघर्ष किए विकेट गंवा दिए थे।

पटौदी की पहली पारी में लड़ाकू 64 रन

खैर अगले दिन का खेल शुरू हुआ। नवाब पटौदी ने 64 रनों की अहम पारी खेली। उन्होंने क्रीज़ पर कुल मिलाकर तीन घंटे से भी ज़्यादा बल्लेबाज़ी की थी। विकेट गंवाने वाले वो आख़िरी बल्लेबाज़ थे। भारत का कुल स्कोर सिर्फ़ 164 रन ही हुआ था। ज़ाहिर है कि भारत को फॉलोआन खेलना पड़ा।

दूसरी पारी की नयी उम्मीद

दूसरी पारी में भारतीय टीम की शुरुआत भी ऐसी हुई कि उनकी इस उम्मीद को और बल मिला। सिर्फ 5 रन के स्कोर पर भारत का पहला विकेट गिर गया। लेकिन पिछले दिन कप्तान की बात हर बल्लेबाज़ के दिमाग़ में थी। फारूख इंजीनियर और अजीत वाडेकर ने सँभलकर बल्लेबाज़ी शुरू की। तीसरे दिन का खेल खत्म हुआ तो भारतीय टीम ने सिर्फ 2 विकेट खोकर 198 रन बना लिए थे।

चौथे दिन पटौदी की शानदार बल्लेबाजी

आराम के बाद टेस्ट मैच के चौथे दिन अजीत वाडेकर और चंदू बोर्डे जल्दी ही आउट हो गए। क़रीब साढ़े बारह बजे का वक्त था। जब अपनी कैप और पूरी बाँह के स्वेटर में टाइगर पटौदी बल्लेबाज़ी करने उतरे।

इंग्लैंड के खिलाफ पटौदी की मानसिक लड़ाई

पिछली पारी में उनके अर्धशतक के बाद उनका आत्मविश्वास ज़बर्दस्त था। इंग्लैंड के कप्तान ब्रायन क्लोज इस बार टाइगर पटौदी को कोई भी मौक़ा देने के मूड में नहीं थे। उन्होंने तुरंत नई गेंद ली। उनके इरादे थे कि वो अपने तेज़ गेंदबाज़ों के दम पर इस बार टाइगर पटौदी को टिकने नहीं देंगे।

टाइगर पटौदी की 148 रन की जांबाज़ पारी: हेडिंग्ली 1967 में इंग्लैंड को फॉलोऑन के लिए मजबूर किया.
टाइगर पटौदी की 148 रन की जांबाज़ पारी

पटौदी ने जड़ा इंग्लैंड के खिलाफ छठा शतक

पटौदी बिल्कुल सहजता के साथ खेलते चले गए। इसी बीच उनका एक कैच भी कप्तान क्लोज से छूट गया। इसके बाद तो हेंडिग्ली के मैदान पर लोगों ने सिर्फ़ टाइगर पटौदी की बल्लेबाज़ी को देखा और तालियाँ बजाईं। पटौदी ने जैसे ही 62 रन बनाए वो इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट मैचों में 1500 से ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बन गए।

पटौदी के 148 रन ने इंग्लैंड को दोबारा बल्लेबाजी पर मजबूर किया

जल्द ही पटौदी ने अपना शतक पूरा किया। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ यह उनका छठा टेस्ट शतक था। चौथे दिन का खेल ख़त्म हुआ तो भारतीय टीम का स्कोर था 475 रन। भारतीय टीम इंग्लैंड की बढ़त को ख़त्म कर चुकी थी। अब इंग्लैंड के सामने 89 रनों की बढ़त थी। वो मंगलवार का दिन था यानी टेस्ट मैच का आख़िरी दिन। उस रोज़ भी टाइगर पटौदी ने बल्लेबाज़ी की। आख़िर में वो 148 रन बनाकर आउट हुए। इंग्लैंड के सामने अब जीत के लिए 125 रनों का लक्ष्य था।

पटौदी की पारी ने इंग्लैंड का खेल बिगाड़ दिया

इंग्लैंड की टीम, जो पारी की बड़ी जीत का सपना पाले हुए थी, को दोबारा मैदान में बल्लेबाज़ी करने के लिए उतरना पड़ा। न सिर्फ़ उतरना पड़ा बल्कि चंद्रशेखर ने इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर का सफाया भी कर दिया। आख़िर में इंग्लैंड की टीम को 125 रनों का लक्ष्य हासिल करने के लिए 4 विकेट गँवाने पड़े। इंग्लैंड जीता लेकिन यह जीत टाइगर पटौदी की भी थी।

इंग्लिश मीडिया में पटौदी की तारीफें

अगले दिन इंग्लिश अख़बारों में सुर्खियाँ थीं- अब लॉर्ड्स की तैयारी की जाए।

Pankaj Yadav

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