Sunil Gavaskar Asia Cup 2025: एशिया कप 2025 अब बस कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है और टीम इंडिया अपनी खिताबी रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है। लेकिन दोस्तों, भारतीय टीम की घोषणा के बाद से सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है। कुछ बड़े नाम जैसे श्रेयस अय्यर और यशस्वी जायसवाल टीम में जगह नहीं बना पाए और इसी को लेकर बहस तेज हो गई है।
लेकिन इस बहस में जो बात सबसे ज्यादा चौंकाने वाली रही, वह यह कि विदेशी पूर्व क्रिकेटर भी भारतीय टीम के चयन पर अपनी राय देने लगे। इसी मुद्दे पर भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर भड़क उठे और उन्होंने जमकर खरी-खोटी सुनाई।
Sunil Gavaskar ने विदेशी खिलाड़ियों पर कसा तंज
गावस्कर का कहना है कि भारत में मीडिया और सोशल मीडिया पर टीम सिलेक्शन को लेकर बहस होना स्वाभाविक है, लेकिन विदेशी खिलाड़ियों का इसमें दखल देना बिल्कुल गलत है। उन्होंने साफ कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम का चयन पूरी तरह से भारत का मामला है और बाहरी लोगों को इसमें नाक नहीं घुसानी चाहिए।
गावस्कर ने यह भी कहा कि जब विदेशी देशों की टीमें चुनी जाती हैं, तो वहां के पूर्व खिलाड़ी चुप रहते हैं। लेकिन भारतीय टीम के सिलेक्शन पर वही खिलाड़ी अचानक सक्रिय हो जाते हैं और बेवजह आलोचना शुरू कर देते हैं।

सोशल मीडिया के जरिए “कमाई” का आरोप
दोस्तों, गावस्कर ने एक बड़ा खुलासा भी किया। उनका मानना है कि कई विदेशी खिलाड़ी जानबूझकर भारतीय क्रिकेट को निशाना बनाते हैं क्योंकि इससे उन्हें सोशल मीडिया पर व्यूज़ और फॉलोअर्स मिलते हैं। जितना ज्यादा भारतीय फैंस प्रतिक्रिया देंगे, उतनी ही उनकी लोकप्रियता बढ़ेगी और वहीं से उनकी कमाई भी होती है।
उन्होंने कहा कि कई खिलाड़ियों ने तो भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को भड़काकर अपनी “कमाई का जरिया” बना लिया है।
Foreigners, who have zero stake in Indian cricket, and much less knowledge about it, wading into the debate regarding the selection of the Indian team is baffling, writes Sunil Gavaskar in his latest column #FromTheMagazine ⬇️https://t.co/vtpKtJD4jm pic.twitter.com/5MB2SRBKUe
— Sportstar (@sportstarweb) August 26, 2025
भारतीय मीडिया पर भी सवाल
गावस्कर ने सिर्फ विदेशी खिलाड़ियों को ही नहीं, बल्कि भारतीय मीडिया को भी जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि भारतीय पत्रकार अक्सर विदेशी पूर्व खिलाड़ियों के पीछे भागते हैं और उनसे इंटरव्यू लेते हैं। यहां तक कि जिन खिलाड़ियों को उनके अपने देशवासी भी भूल चुके हैं, उन्हें भी भारत में “बड़ा विशेषज्ञ” बनाकर पेश किया जाता है।
गावस्कर के मुताबिक भारतीय क्रिकेट को किसी बाहरी मान्यता की जरूरत नहीं है और हमें खुद पर भरोसा रखना चाहिए।