भारत सरकार ने देश में तेजी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को नियंत्रित करने और युवाओं को इसके खतरों से बचाने के लिए “Promotion and Regulation of Online Gaming Bill 2025” पेश किया है। इस लेख में हम बताएंगे कि सरकार का यह बिल क्या है, इसके प्रमुख प्रावधान क्या हैं, और यह भारत के 3.7 बिलियन डॉलर वाले गेमिंग उद्योग को कैसे प्रभावित करेगा।
भारत बना दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल गेमिंग बाजार
भारत में गेमिंग इंडस्ट्री ने बीते कुछ सालों में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। 2024 में भारत में 8.45 बिलियन मोबाइल गेम्स डाउनलोड किए गए, जो दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। भारतीय गेमिंग मार्केट का मूल्य $3.7 बिलियन है और 2029 तक इसके $9.1 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है।
भारत अब वैश्विक ऑनलाइन गेमिंग यूजर बेस का 20% हिस्सा रखता है। Dream11 जैसे फैंटेसी गेम्स, जिनके 200 मिलियन से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स हैं, इस बाजार के प्रमुख चेहरे बन चुके हैं। लेकिन इन गेम्स की लोकप्रियता के साथ अब लत, वित्तीय हानि और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के मामले तेजी से बढ़े हैं।

सरकार का उद्देश्य
सरकार द्वारा लाया गया “Promotion and Regulation of Online Gaming Bill 2025” दो प्रमुख उद्देश्यों पर आधारित है –
पहला, ऑनलाइन गेमिंग को एक संगठित और सुरक्षित उद्योग के रूप में विकसित करना, और दूसरा, युवाओं और समाज को मनी गेम्स के जोखिमों से बचाना। यह बिल न केवल फैंटेसी गेम्स या मनी गेम्स को सीमित करने पर केंद्रित है, बल्कि ई-स्पोर्ट्स, शैक्षणिक और सोशल गेम्स को बढ़ावा देने का भी प्रयास करता है।
बिल में यह स्पष्ट किया गया है कि कोई भी व्यक्ति, संस्था या कंपनी अगर मनी गेम्स को विज्ञापित, संचालित या उनमें भाग लेती है, तो यह दंडनीय अपराध माना जाएगा।
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ऑनलाइन मनी गेम्स पर लगेगी रोक
बिल के तहत सरकार ने उन सभी ऑनलाइन मनी गेम्स पर रोक लगाने का प्रस्ताव रखा है, जिनमें खिलाड़ी पैसे जमा करके या दांव लगाकर इनाम जीतने की उम्मीद में खेलते हैं। ऐसे गेम्स, चाहे वे कौशल (Skill) पर आधारित हों या भाग्य (Chance) पर, उन्हें ऑनलाइन मनी गेम की श्रेणी में रखा जाएगा। इससे Dream11, Poker, Rummy जैसे गेम्स प्रभावित हो सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया कि लगभग 45 करोड़ भारतीय इन मनी गेम्स से प्रभावित हुए हैं, जिससे देश को ₹20,000 करोड़ से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ है।
The Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025 is not about stopping gaming—it’s about encouraging the right kind. Play, learn, compete—without the risks of money gaming.@MIB_India #DigitalIndia #OnlineGamingBill2025 pic.twitter.com/qHNeJDoPoM
— Ministry of Electronics & IT (@GoI_MeitY) August 20, 2025
ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को मिलेगा बढ़ावा
इस बिल का एक सकारात्मक पहलू यह है कि इसमें ई-स्पोर्ट्स को एक वैध और प्रतिस्पर्धात्मक खेल के रूप में मान्यता दी गई है।
सरकार अब इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए ट्रेनिंग अकादमियों, रिसर्च सेंटर्स और डेवलपमेंट प्रोग्राम्स शुरू करेगी। साथ ही, सोशल गेम्स और शैक्षणिक गेम्स को भी प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि गेमिंग सिर्फ मनोरंजन का माध्यम न रहकर सीखने और कौशल विकास का जरिया बने।
केंद्रीय प्राधिकरण की स्थापना
सरकार इस बिल के तहत एक ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी गठित करेगी, जो पूरे उद्योग की नीति निर्माण, प्रबंधन और निगरानी करेगी।
यह अथॉरिटी यह सुनिश्चित करेगी कि देश में सिर्फ लाइसेंस प्राप्त और वैध गेमिंग प्लेटफॉर्म ही संचालित हों, ताकि फर्जी कंपनियों और विदेशी मनी गेम्स पर लगाम लगाई जा सके।
बिल पर उठे विवाद और चुनौतियाँ
हालांकि यह बिल देश के युवाओं की सुरक्षा के लिए लाया गया है, लेकिन इसके कुछ प्रावधानों को लेकर उद्योग जगत में मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखने को मिली हैं।विशेषज्ञों का कहना है कि ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने से भारत के बढ़ते गेमिंग सेक्टर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
क्योंकि कई गेम्स जैसे फैंटेसी क्रिकेट या रम्मी, कौशल-आधारित (Skill-Based) होते हैं, न कि जुए पर आधारित।
सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट पहले भी ऐसे गेम्स को कानूनी रूप से वैध मान चुके हैं।इसके अलावा, तकनीकी रूप से ऑफशोर वेबसाइट्स को ब्लॉक करना भी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
विशेषज्ञों ने दिए सुझाव
नीतिगत विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को पूरी तरह प्रतिबंध की जगह विनियमित लाइसेंसिंग प्रणाली लानी चाहिए।
इससे सरकार न केवल उद्योग को नियंत्रित कर सकेगी बल्कि कर राजस्व (Tax Revenue) और रोजगार के अवसरों को भी सुरक्षित रख पाएगी। साथ ही, उपभोक्ता सुरक्षा के लिए आयु सत्यापन, खर्च सीमा और एडिक्शन अलर्ट सिस्टम जैसे कदम जरूरी बताए गए हैं।
FAQs
Q1. Promotion and Regulation of Online Gaming Bill 2025 क्या है?
यह एक सरकारी बिल है जो भारत में ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को नियंत्रित और प्रोत्साहित करने के लिए लाया गया है।
Q2. क्या Dream11 जैसे फैंटेसी गेम्स बैन हो जाएंगे?
यदि उन्हें ऑनलाइन मनी गेम्स की श्रेणी में रखा गया तो उन पर प्रतिबंध लग सकता है।
Q3. इस बिल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य युवाओं को मनी गेम्स की लत और वित्तीय हानि से बचाना तथा सुरक्षित गेमिंग माहौल बनाना है।
Q4. क्या ई-स्पोर्ट्स पर इसका असर पड़ेगा?
नहीं, ई-स्पोर्ट्स को इस बिल के तहत वैध प्रतिस्पर्धात्मक खेल के रूप में मान्यता दी गई है।
Q5. क्या यह बिल 2025 से लागू होगा?
हाँ, यह बिल 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होने वाला है।