Ajinkya Rahane on Indian Cricket Selection System: भारतीय क्रिकेटर अजिंक्य रहाणे ने चयन प्रणाली पर बड़ा बयान देकर क्रिकेट जगत में नई बहस छेड़ दी है। रहाणे का मानना है कि भारतीय क्रिकेट की चयन प्रणाली को पूरी तरह बदलने की जरूरत है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि रहाणे ने क्या कहा, चेतेश्वर पुजारा ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी और आखिर क्यों यह मुद्दा भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए इतना अहम बन गया है।
रहाणे का बड़ा बयान
अजिंक्य रहाणे ने अपने पूर्व साथी चेतेश्वर पुजारा के यूट्यूब शो पर बातचीत के दौरान कहा कि आज भी कई खिलाड़ी चयनकर्ताओं से डरते हैं। उन्होंने कहा, खिलाड़ियों को चयनकर्ताओं से डरना नहीं चाहिए। चयन समिति में वही लोग होने चाहिए जो हाल ही में क्रिकेट से रिटायर हुए हों, ताकि वे आधुनिक क्रिकेट की मानसिकता को समझ सकें।
रहाणे ने साफ कहा कि चयनकर्ताओं की सोच और क्रिकेट की बदलती शैली के बीच तालमेल जरूरी है। उनका मानना है कि चयन निर्णय अब भी पुराने दौर की सोच पर आधारित हैं, जबकि आज का क्रिकेट काफी बदल चुका है।

चयन समिति की मौजूदा व्यवस्था पर सवाल
इस समय किसी भी खिलाड़ी को राज्य चयन समिति का सदस्य बनने के लिए केवल दस प्रथम श्रेणी मैच खेलने और पांच साल से रिटायर होने की शर्त पूरी करनी होती है। रहाणे ने इस मॉडल को ‘पुराना और अप्रभावी’ बताया। उन्होंने कहा कि आधुनिक क्रिकेट को समझने वाले, हाल ही में रिटायर हुए खिलाड़ियों को ही चयन का जिम्मा दिया जाना चाहिए।
उनका मानना है कि ऐसे चयनकर्ता खिलाड़ियों की सोच, तकनीक और मानसिकता को बेहतर समझ पाएंगे। साथ ही, खिलाड़ी भी उनके सामने खुलकर अपनी बात रख सकेंगे।
पुजारा ने दी राय
रहाणे के इस बयान पर चेतेश्वर पुजारा ने संतुलित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बड़ी क्रिकेट टीमों वाले राज्यों में यह व्यवस्था लागू हो सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पुराने अनुभवी खिलाड़ियों को मौका न मिले। पुजारा का मानना है कि अनुभव और ताजगी दोनों का संतुलन जरूरी है।
Ajinkya Rahane 🗣️ “Selectors should ideally be those who retired within the last 5–6 years, as modern cricket is evolving fast and the selectors’ mindset needs to align with the current game.” pic.twitter.com/up4KcoqbSM
— Vipin Tiwari (@Vipintiwari952) October 14, 2025
घरेलू क्रिकेट के प्रदर्शन को मिली अहमियत
दोनों दिग्गज खिलाड़ियों ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय टेस्ट टीम का चयन केवल घरेलू क्रिकेट प्रदर्शन के आधार पर होना चाहिए। रहाणे ने कहा कि रणजी ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को ही टेस्ट टीम में जगह मिलनी चाहिए, क्योंकि वहीं असली तैयारी होती है।
पुजारा ने भी सहमति जताते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में घरेलू प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को टीम इंडिया में मौका मिला है और यह एक सकारात्मक संकेत है।
आईपीएल और आधुनिक क्रिकेट के बदलते मायने
पुजारा ने चर्चा के दौरान कहा कि आईपीएल के आने के बाद भारतीय क्रिकेट में भारी बदलाव आया है। उन्होंने बताया कि आज के खिलाड़ियों की प्राथमिकताएं अलग हैं। कई खिलाड़ी सफेद गेंद क्रिकेट में अवसर तलाशते हैं, जबकि टेस्ट क्रिकेट में कम मौके होने के कारण घरेलू क्रिकेट पर कम ध्यान दिया जाता है।
उन्होंने यह भी माना कि अब भारत के घरेलू मैदानों की सुविधाएं और बुनियादी ढांचा पहले से बहुत बेहतर हो चुका है।
भारतीय क्रिकेट में बदलाव की जरूरत
रहाणे का यह बयान एक गहरी सच्चाई को उजागर करता है कि खिलाड़ियों और चयनकर्ताओं के बीच आज भी दूरी बनी हुई है। अगर चयन प्रक्रिया में आधुनिक दृष्टिकोण लाया जाए, तो न केवल खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि भारतीय क्रिकेट को भी नई दिशा मिलेगी।
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