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Delhi High Court Dream11 Ruling: ड्रीम 11 और माय 11 सर्कल को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत, फैंटेसी गेमर्स के लिए खुशखबरी

On: September 3, 2025 7:12 AM
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Delhi High Court Dream11 Ruling: ड्रीम 11 और माय 11 सर्कल को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत, फैंटेसी गेमर्स के लिए खुशखबरी
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Delhi High Court Dream11 Ruling: ड्रीम 11 और माय 11 सर्कल जैसे फैंटेसी ऐप्स के लिए आखिरकार गुड न्यूज़ आई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इन कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए कहा है कि जब तक सरकार प्राधिकरण का गठन नहीं करती और नियमों को लागू नहीं करती, तब तक नए गेमिंग बिल को लागू नहीं किया जा सकता। इस फैसले ने लाखों यूज़र्स और गेमिंग कंपनियों को राहत की सांस दी है।

कोर्ट से मिली राहत और नई उम्मीद

दोस्तों दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि केंद्र सरकार ने जो प्राधिकरण बनाने की बात कही थी, वह अभी तक नहीं बनाया गया है। साथ ही, नियम भी लागू नहीं किए गए हैं। ऐसे में सरकार इस अधिनियम पर काम नहीं कर सकती। कोर्ट का यह बयान फैंटेसी ऐप्स के लिए बड़ी जीत मानी जा रही है।

Delhi High Court Dream11 Ruling: ड्रीम 11 और माय 11 सर्कल को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत, फैंटेसी गेमर्स के लिए खुशखबरी

कर्नाटक के बाद दिल्ली में जीत

इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट में भी A23 जैसी कंपनियों को राहत मिली थी। अब दिल्ली हाईकोर्ट से भी सकारात्मक संकेत आने के बाद फैंटेसी गेमिंग इंडस्ट्री को एक नई ताकत मिली है। दोस्तों, यह दिखाता है कि धीरे-धीरे देश की बड़ी अदालतें इन ऐप्स की समस्याओं को समझ रही हैं और उनके पक्ष में खड़ी हो रही हैं।

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भगीरा कैरम का केस

दिल्ली हाईकोर्ट में हाल ही में भगीरा कैरम नाम की कंपनी ने याचिका दायर की थी। यह कंपनी भी फैंटेसी गेम्स उपलब्ध कराती है। कंपनी ने गेमिंग बिल को चुनौती दी और कहा कि इससे उनके व्यवसाय पर नकारात्मक असर पड़ेगा। कोर्ट ने उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए संक्षिप्त सुनवाई की और सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए।

सरकार का पक्ष

दोस्तों, सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पैसे वाले खेलों पर रोक लोगों की भलाई के लिए है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार प्राधिकरण बनाने की प्रक्रिया में है। लेकिन सवाल यह है कि जब बिल पास हो चुका है और राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई है, तो इसे कानून का रूप क्यों नहीं दिया गया?

ओपन हैं सुझावों के लिए

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार अभी भी सुझावों के लिए खुली है। यानी कि आगे भी कंपनियां और विशेषज्ञ अपनी राय रख सकते हैं। यह बयान इंडस्ट्री के लिए सकारात्मक माना जा रहा है।

क्यों अहम है कोर्ट का रुख

दोस्तों, जब भी कोई बड़ी कंपनी या उद्योग कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाती है और कोर्ट उनकी याचिका सुनता है, तो यह अपने आप में जीत होती है। इस फैसले ने साफ कर दिया है कि फैंटेसी ऐप्स को अभी अकेला नहीं छोड़ा जाएगा। कोर्ट उनकी समस्याओं को सुन रहा है और राहत भी दे रहा है।

आगे की राह

अब अगली सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट और कर्नाटक हाईकोर्ट में होगी। दोनों जगहों से आने वाले फैसले तय करेंगे कि आने वाले समय में फैंटेसी गेमिंग इंडस्ट्री का भविष्य क्या होगा। लेकिन अभी के लिए यह राहत की खबर है और गेमर्स तथा कंपनियों दोनों के लिए उम्मीद की किरण है।

FAQs

Q1. दिल्ली हाईकोर्ट ने फैंटेसी ऐप्स को क्या राहत दी है?

कोर्ट ने कहा है कि जब तक प्राधिकरण का गठन और नियम लागू नहीं होते, तब तक अधिनियम लागू नहीं होगा।

Q2. कर्नाटक हाईकोर्ट में क्या फैसला हुआ था?

कर्नाटक हाईकोर्ट ने A23 जैसी कंपनियों को गेमिंग बिल से राहत दी थी।

Q3. सरकार का पक्ष क्या है?

सरकार का कहना है कि पैसों वाले खेलों पर रोक लोगों की भलाई के लिए है और प्राधिकरण बनाने की प्रक्रिया जारी है।

Q4. आगे क्या होगा?

अब इस मामले पर दिल्ली और कर्नाटक हाईकोर्ट में आगे सुनवाई होगी, जिसके बाद स्थिति और साफ होगी।

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Pankaj Yadav

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