Happy Birthday MS Dhoni: साल 2011 की बात है। महेंद्र सिंह धोनी की शानदार कप्तानी में भारतीय टीम ने विश्व कप जीता था। पूरा देश धोनी के नाम के जयकारों से गूंज उठा। धोनी की रणनीति और शांत दिमाग ने भारत को 28 साल बाद विश्व चैंपियन बना दिया।
धोनी का भरोसा और वेस्टइंडीज दौरा
विश्व कप के तुरंत बाद आईपीएल हुआ और फिर भारतीय टीम वेस्टइंडीज दौरे पर गई। धोनी ने अपनी कप्तानी में विराट कोहली को टेस्ट टीम में मौका दिया। जमैका के मैदान पर विराट कोहली, प्रवीण कुमार और अभिनव मुकुंद ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की। यह भी धोनी का ही फैसला था कि युवा खिलाड़ियों को मौका दिया जाए।
कठिन शुरुआत में भी धोनी का धैर्य
पहले ही टेस्ट में विराट कोहली ज्यादा नहीं कर पाए। वो 10 रन बनाकर आउट हो गए। लेकिन धोनी ने युवा विराट को पूरा सपोर्ट किया। धोनी जानते थे कि यह खिलाड़ी भविष्य में भारत को कई जीत दिलाएगा।भारत ने पहली पारी में 246 रन बनाए। फिर धोनी की कप्तानी में गेंदबाजों ने कमाल किया और वेस्टइंडीज को 173 पर समेट दिया।
दूसरी पारी और धोनी की रणनीति
भारत की दूसरी पारी में भी कोहली फेल हो गए। लेकिन धोनी ने हार नहीं मानी। उन्होंने गेंदबाजों को शानदार तरीके से उपयोग किया और फिडेल एडवर्ड्स की मुश्किल गेंदबाजी के बावजूद भारत को जीत दिलाई।
धोनी का यकीन, विराट को लगातार मौके
दूसरे टेस्ट में भी विराट कोहली संघर्ष करते रहे। वो खाता भी नहीं खोल पाए और बार-बार फिडेल एडवर्ड्स का शिकार हुए। भारतीय मीडिया तक विराट पर सवाल उठाने लगी। लेकिन धोनी ने विराट पर भरोसा कायम रखा।तीसरे टेस्ट में विराट ने 30 रन बनाए, जो थोड़ा आत्मविश्वास लौटा लाए।
ऑस्ट्रेलिया दौरा और धोनी का कमाल
इसके बाद भारत ऑस्ट्रेलिया गया। वहाँ विराट कोहली बुरी तरह फ्लॉप होते रहे। मेलबर्न, सिडनी और पर्थ में वो बार-बार जल्दी आउट हो गए। मीडिया ने यहाँ तक कहना शुरू कर दिया कि धोनी विराट कोहली को बाहर क्यों नहीं कर रहे।
लेकिन धोनी को पता था कि विराट में खास बात है। धोनी ने चयनकर्ताओं के सामने खड़े होकर कहा — “मुझे विराट कोहली चाहिए, मैं उसे बाहर नहीं बैठाऊँगा।”
धोनी के भरोसे ने विराट को दिया नया जीवन
पर्थ में विराट कोहली ने धोनी के भरोसे को सही साबित किया। उन्होंने पहली पारी में 44 और दूसरी पारी में 75 रन बनाए। यही पारियां उनके करियर का टर्निंग पॉइंट बन गईं।इसके बाद अगले 10 टेस्ट में विराट कोहली ने 4 शतक और 3 अर्धशतक जड़ दिए।
धोनी का कप्तान होना विराट की किस्मत
अगर धोनी जैसा कप्तान न होता, तो शायद विराट कोहली को इतने मौके न मिलते। आज विराट कोहली की कहानी कुछ और होती।इसमें कोई शक नहीं कि विराट कोहली के बल्ले से रन तो निकले ही, लेकिन धोनी के धैर्य और विराट पर उनके भरोसे ने ही भारतीय क्रिकेट को एक महान बल्लेबाज दिया।