Siraj or Prasidh Krishna: जब पांचवें दिन का खेल शुरू हुआ तो इंग्लैंड को जीत के लिए सिर्फ 35 रन चाहिए थे और उनके दो सेट बल्लेबाज़ मैदान पर थे। लेकिन तभी भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज ने अपना जलवा दिखाया। पहले ओवर में जेमी स्मिथ को पवेलियन भेजा, और फिर अगले ही ओवर में जेमी ओवरटन को एलबीडब्ल्यू कर दिया। सिराज ने सिर्फ एक घंटे में तीन विकेट चटकाए और मुकाबले का रुख ही पलट दिया।
प्रसिद्ध कृष्णा ने भी कमाल की गेंदबाज़ी की। उन्होंने जोश टंग को यॉर्कर पर क्लीन बोल्ड किया और आखिरी बल्लेबाज़ गस एटकिंसन को सिराज ने आउट कर भारत को ऐतिहासिक जीत दिला दी।
जडेजा-यशस्वी की पारी और वॉशिंगटन का विस्फोट
इससे पहले भारत ने अपनी दूसरी पारी में 396 रन बनाए थे। दोस्तो, इसमें सबसे बड़ी भूमिका निभाई यशस्वी जायसवाल ने, जिन्होंने शानदार 118 रन बनाए। वहीं वॉशिंगटन सुंदर ने आखिरी समय में आकर 53 रनों की तेज़ तर्रार पारी खेली और स्कोर को 374 तक पहुंचा दिया।
आपको बता दें कि ओवल में इससे पहले चौथी पारी में इतने बड़े स्कोर का पीछा करके कोई भी टीम नहीं जीती थी। पिछला रिकॉर्ड साल 1902 में बना था जब इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 263 रन का पीछा किया था।

इंग्लैंड के सितारे चमके, पर भारत ने बुझा दिए सपने
दोस्तो इंग्लैंड की ओर से हैरी ब्रूक ने तूफानी शतक जड़ा और जो रूट ने अपने करियर का 39वां शतक पूरा किया। दोनों ने मिलकर चौथे विकेट के लिए 195 रन की साझेदारी की। ऐसा लग रहा था कि मैच अब भारत के हाथ से निकल जाएगा, लेकिन तब आया वो ट्विस्ट जिसने खेल को पलट दिया।
चाय के बाद जैकब बेथेल एक गैरज़िम्मेदाराना शॉट खेलकर आउट हुए और अगले ही ओवर में जो रूट भी कृष्णा की गेंद पर कैच दे बैठे। इसके बाद भारतीय गेंदबाज़ों ने कोई मौका नहीं छोड़ा।
बेहतरीन प्रदर्शन!
— Manish Sisodia (@msisodia) August 4, 2025
Team India को आख़िरी टेस्ट मैच में शानदार जीत हासिल करने और तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी बराबरी पर खत्म करने के लिए ढेरों बधाई।Mohammed Siraj और Prasidh Krishna की गेंदबाज़ी ने इस जीत में जान डाल दी।
शाबाश चैंपियन्स, दिल जीत लिया!#INDvsENG pic.twitter.com/VoElMFdEy4
Siraj or Prasidh Krishna
दोस्तो ये जीत सिर्फ एक मैच की नहीं थी, ये उस जज़्बे की जीत थी जो हार की कगार से वापस आता है। सिराज ने मैच में 5 विकेट लिए और इस सीरीज़ में कुल 23 विकेट लेकर सबसे सफल गेंदबाज़ बन गए। प्रसिद्ध कृष्णा ने भी 4 विकेट झटके और हर भारतीय को जश्न मनाने का मौका दिया।
निष्कर्ष –
भारत ने न सिर्फ ये टेस्ट जीता बल्कि अपनी लड़ने की क्षमता और मन की मजबूती भी दुनिया को दिखा दी। दोस्तो, ऐसी जीतें सिर्फ स्कोरबोर्ड पर नहीं बल्कि दिलों में याद रहती हैं। अब निगाहें होंगी आने वाली सीरीज़ और एशिया कप पर, जहां टीम इंडिया अपने आत्मविश्वास के साथ उतरने जा रही है।