Online Gaming Act 2025 Supreme Court: केंद्र सरकार के ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 को लेकर कानूनी लड़ाई तेज हो गई है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने A23 की याचिका पर सुनवाई टाल दी है क्योंकि अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सभी याचिकाओं को एकसाथ सुनने जा रहा है। यह आर्टिकल आपको बताता है कि मामला कहां पहुंचा, सरकार का क्या रुख है और उद्योग जगत पर इसका क्या असर होगा।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सुनवाई टाली
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार (8 सितंबर) को ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म A23 की पैरेंट कंपनी की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। याचिका में केंद्र के उस कानून को चुनौती दी गई है, जो ऑनलाइन मनी गेमिंग को प्रतिबंधित करता है। अदालत ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और केंद्र ने सभी संबंधित मामलों को एकसाथ स्थानांतरित करने की अपील की है।

सुप्रीम कोर्ट में होगी एकसाथ सुनवाई
केंद्र सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को एकसाथ सुना जाए। शीर्ष अदालत इस स्थानांतरण याचिका पर जल्द ही सुनवाई करने वाली है। इससे पहले अलग-अलग राज्यों में इस कानून के खिलाफ कई कंपनियों ने याचिकाएं दाखिल की हैं।
A23 ने क्यों दी चुनौती
ऑनलाइन गेमिंग कंपनी A23 की पैरेंट कंपनी ने 28 अगस्त को कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनका तर्क है कि यह कानून संविधान के तहत दिए गए व्यापार करने के अधिकार और समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
संसद में कैसे पास हुआ कानून
ऑनलाइन गेमिंग (प्रमोशन एंड रेग्युलेशन) बिल 20 अगस्त को लोकसभा और 21 अगस्त को राज्यसभा से पास हुआ। अगले ही दिन इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। यह कानून उन खेलों पर रोक लगाता है जिनमें पैसे का दांव या सट्टेबाजी शामिल है।
वित्त मंत्री का बयान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेटवर्क18 को दिए एक इंटरव्यू में साफ किया कि सरकार ने सभी ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि केवल वे गेम्स प्रतिबंधित होंगे जिनमें सट्टेबाजी या पैसों का लेन-देन शामिल है। उनका कहना था कि बच्चों और युवाओं पर ऑनलाइन बेटिंग के नकारात्मक असर को रोकने के लिए यह कदम जरूरी था।
Gaming is cool. Gambling isn’t 🚫
— MyGovIndia (@mygovindia) August 20, 2025
With the new Online Gaming Bill:
• Real-money apps out
• Betting and gambling banned
• No fake monetary-return promises
A safe, secure and fun gaming space for India.#OnlineGamingBill2025@GoI_MeitY@MIB_India pic.twitter.com/GK08SoN1b7
उद्योग जगत पर असर
स्रोतों के अनुसार, ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री ने पिछले वित्त वर्ष (FY25) में लगभग 20,000 से 22,000 करोड़ रुपये का टैक्स राजस्व सरकार को दिया था। ऐसे में यह कानून उद्योग के भविष्य और राजस्व दोनों पर बड़ा असर डाल सकता है।
FAQs
Q1: कर्नाटक हाईकोर्ट ने सुनवाई क्यों टाली?
क्योंकि सुप्रीम कोर्ट इस कानून से जुड़ी सभी याचिकाओं को एकसाथ सुनने जा रहा है।
Q2: ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 में क्या प्रावधान हैं?
यह कानून उन गेम्स पर प्रतिबंध लगाता है जिनमें सट्टेबाजी और पैसों का लेन-देन शामिल है।
Q3: A23 कंपनी का क्या कहना है?
कंपनी का कहना है कि यह कानून व्यापार करने और समानता के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन करता है।
Q4: ऑनलाइन गेमिंग उद्योग का टैक्स योगदान कितना है?
FY25 में इस क्षेत्र से 20,000–22,000 करोड़ रुपये का टैक्स राजस्व सरकार को मिला।
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