Saina Nehwal–Parupalli Kashyap Breakup: भारतीय बैडमिंटन जगत की सबसे चर्चित जोड़ियों में से एक, सायना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप, अब साथ नहीं हैं। सात साल की शादी और लगभग दो दशकों की दोस्ती को अलविदा कहते हुए, ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट सायना नेहवाल ने इंस्टाग्राम पर अपने अलगाव की घोषणा कर दी। एक समय में जोड़ीदार खिलाड़ी और फिर जीवन साथी बने इन दोनों का रिश्ता अब एक नया मोड़ ले चुका है। लेकिन सवाल ये उठता है: आखिर ऐसा क्या हुआ कि ये दोनों अलग होने पर मजबूर हो गए?
“हम अलग हो रहे हैं… शांति, विकास और उपचार के लिए”
सायना ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, “कभी-कभी ज़िंदगी हमें अलग दिशाओं में ले जाती है। लंबे विचार-विमर्श के बाद, हमने एक-दूसरे से अलग होने का फैसला किया है। हम शांति, विकास और उपचार को चुन रहे हैं।” यह बयान जितना भावनात्मक था, उतना ही चौंकाने वाला भी।
इस खबर ने खेल जगत में हलचल मचा दी है। एक आदर्श जोड़ी के रूप में देखे जाने वाले सायना और कश्यप ने कभी अपने रिश्ते को दिखावा नहीं बनाया, लेकिन उनका साथ हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहा।
प्यार की शुरुआत वहीं, जहां खेल की थी
दोनों की मुलाकात पुलेला गोपीचंद अकादमी, हैदराबाद में हुई थी। जहां सायना विश्व नंबर 1 बनीं, वहीं कश्यप ने 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा। 2018 में दोनों ने शादी की और तभी से साथ थे।
लेकिन क्या यह साथ केवल खेल तक सीमित था? क्या दोनों की व्यक्तिगत प्राथमिकताएं बदल चुकी थीं? यह सवाल अब सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों पर चर्चा का विषय बन गया है।
कश्यप की चुप्पी और नीदरलैंड्स की तस्वीरें
सायना के बयान के बाद, कश्यप ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन उनकी इंस्टाग्राम स्टोरी में वो नीदरलैंड्स में अपने दोस्तों के साथ ‘Awakenings Festival’ में नज़र आए। क्या यह इत्तेफाक था, या एक संकेत कि वो पहले से ही इस फैसले के लिए तैयार थे?
सायना की संघर्षभरी वापसी और कश्यप का रिटायरमेंट

सायना 2023 से किसी बड़े टूर्नामेंट में नहीं दिखीं, जबकि कश्यप ने 2024 में आधिकारिक रूप से रिटायरमेंट ले लिया। कश्यप अब कोचिंग में कदम रख चुके हैं, जबकि सायना अपनी फिटनेस और वापसी को लेकर संकोच में थीं। क्या करियर की दिशा में आया यह बदलाव भी उनकी दूरी की वजह बना?
सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया
फैंस की प्रतिक्रिया दो हिस्सों में बंटी दिख रही है। कुछ लोग सायना के साहस की सराहना कर रहे हैं, तो कुछ इसे “शादी के आदर्श को तोड़ने” वाला कदम मान रहे हैं। कई यूजर्स यह भी कह रहे हैं कि स्टारडम और व्यक्तिगत पहचान बनाए रखने की जद्दोजहद में रिश्ता कमजोर पड़ गया।
क्या यह अंत है या एक नई शुरुआत?
सायना और कश्यप का रिश्ता अब भले ही शादी के बंधन से अलग हो गया हो, लेकिन उनका योगदान भारतीय बैडमिंटन के लिए अमूल्य है। उनका साथ भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन उनके संघर्ष, उपलब्धियों और समर्पण को देश कभी नहीं भूलेगा।
शायद यही वो समय है जब हमें रिश्तों को “हार” या “जीत” की कसौटी पर नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान और शांति की दृष्टि से देखना चाहिए।
सायना और कश्यप ने जो निर्णय लिया है, वह निजी है, परंतु इसमें साहस और परिपक्वता की झलक है।
निष्कर्ष
इस अलगाव की कहानी सिर्फ दो खिलाड़ियों की नहीं, बल्कि उन तमाम जोड़ियों की है जो एक साथ तो आते हैं, पर जरूरी नहीं कि हमेशा साथ रहें। सायना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप ने एक बार फिर हमें सिखाया कि कभी-कभी शांति पाने के लिए, हमें अपने सबसे करीबी रिश्तों से भी खुद को अलग करना पड़ता है।